Pan village in Ranikhet tehsil, Almora district: reality in 2022
वैसे तो अल्मोड़ा जिले के रानीखेत तहसील के चौखुटिया ब्लॉक के गाँवों में पान ग्राम उस लिस्ट में नहीं है जिन गाँवों में जनसँख्या सबसे कम है, लेकिन सच्चाई ये है कि पान नाम के गाँव की जनसँख्या बहुत कम है. जिस ग्राम के बारे में सेन्सस के आंकड़े बताते हैं उसमें आस-पास के छोटे-छोटे गाँव भी जोड़ दिए गए हैं.
जो पान के पांडे लोगों का गाँव है उसके दो भाग हैं - मूल पान और डेंगुण. डेंगुण पान के सामने की पहाड़ी में पान के लोगों ने बसाया जब वहां रहने की जगह कम पड़ने लगी या परिवार टूटने लगे. ये वो लोग थे जिनके घर मूल पान की पहाड़ी में नहीं बस सकते थे क्योंकि यह पहाड़ी बहुत खड़ी (steep) है और जंगलों से घिरी है.
द्वाराहाट-चौखुटिया रोड मूल पान के नीचे से गुजरती है. डेंगुण के निवासियों को लम्बे समय तक बस स्टॉप से पैदल नदी पार करके जाना पड़ता था, लेकिन इसकी पहाड़ी में खेती करने और मकान बनाने की जगह मूल पान की तुलना में काफी अधिक होने के कारण यहां की जनसँख्या बढ़ती रही. बहुत बाद में एक पुल बन जाने से यह समस्या हल हो सकी.
1970 के दशक तक ये दोनों गाँव बहुत फल-फूल रहे थे. बहुत सारे परिवारों से नयी पीढ़ी के युवा शहरों में नौकरी करने जाने लगे थे लेकिन अभी यह बाहर जाना पलायन के स्तर का नहीं था. पास के शहरों में काम करने वाले युवा साल में कई बार घर आ जाते थे, और दूर के युवा भी बड़े त्योहारों में घर आ जाया करते थे. उनके बच्चे या तो यहीं रहते थे या लम्बी छुट्टियाँ यहीं बिताते थे.
लेकिन अगले दो दशकों में पान में पलायन घर कर गया. इसके कारणों की चर्चा एक अलग पोस्ट में की है. मूल पान में तो 2022 में केवल 5 परिवार ही रह गए हैं, और ये भी कब तक रहेंगे, पता नहीं. डेंगुण में कुछ अधिक परिवार हैं. लेकिन जैसा कि स्वाभाविक है, वहां रह रहे लोगों में बहुत छटपटाहट दिखती है. इसके बारे में चर्चा बिना वहां रह रहे लोगों की बात सामने रखे हुए बेमानी होगी, इसलिए
इसे अगली किसी पोस्ट में करेंगे.
अभी इतना ही. नमस्कार.
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