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Showing posts from 2021

डेंगुणा (पान) में पुराने स्रोतों से पानी आया इस बार | Spring water spewing out of old channels in Pan village

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डेंगुणा में इस बरसात मगरा धारे में चार मुखों से एक साथ पानी आना बहुत समय बाद देखा गया।  घरों तक नल का पानी आने से पहले यह धारा (spring water channel or community spring water source) गाँव के लोगों का प्रमुख जल स्रोत हुआ करता था।  यह फोटो डेंगुणा निवासी श्री ललित द्वारा 25 जुलाई 2021 को खींची गई। 

येन बद्धो बलि राजा... सही उच्चारण और अर्थ | Correct pronunciation and meaning of mantra Yen baddho Bali raja...

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राखी या रक्षाबंधन का पर्व आने वाला है। इस वर्ष यह 22 अगस्त को है। पान में रहने वाले तो इसे पूरे विधि विधान से मनाते आ रहे हैं, लेकिन जो लोग बाहर बस गए हैं, उनमें से कुछ ही इसे मान्य तरीके से मना पाते हैं। इस दिन पुरुष नई जनेऊ धारण करते हैं और पुरोहित या घर के बड़े सबकी कलाइओं में रक्षा सूत्र बांधते हैं।  यह जो रक्षा सूत्र हाथ में बांधा जाता है, यह राखी नहीं है। इसे मज़ाक में नहीं लेना चाहिए और न ही सजावट का माध्यम बनाना चाहिए। रक्षा सूत्र प्रायः सूती धागे से बना होता है जिसे पूजा के समय देवों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है और फिर उस अनुष्ठित धागे को सबके दाहिने हाथ की कलाई में तीन बार घुमाकर उसमें दो गांठें बांधी जाती हैं और फिर बचे धागे को गांठ के बाद तोड़ किया जाता है। रेशम का प्रयोग उचित नहीं है, विशेषकर इसलिए कि रेशम बनाने में निरीह कीटों की हत्या होती है। रक्षा सूत्र बांधते समय जो मंत्र कहा जाता है, उसका प्रायः गलत उच्चारण होता है। इस पोस्ट में इस दोष को दूर करने का प्रयास किया गया है। आग्रह है कि इसे सही उच्चारण के साथ और इसके अर्थ को मन में रखकर रक्षा सूत्र बाँधें। सही मंत्र इ...

गंगा दशहरा | Ganga Dashara

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कल (20 जून 2021 को) ज्येष्ठ शुक्ल दशमी है जिसे गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है. पान के साथ-साथ कुमाऊँ के अधिकतर निवासी इस दिन अपने मुख्य द्वार में 'गंगा दशहरा द्वार पत्र' लगाते हैं.  image from Pinterest इस द्वार पत्र में एक चित्र होता है जो रंगों से भरा हुआ ज्यामितीय आकार या फिर किसी देवता का चित्र होता है. इसके चारों ओर, ऊपर से शुरू करके दाहिनी ओर से होते हुए, यह मन्त्र लिखा जाता है:  अगस्त्यश्च पुलस्त्यश्च वैशम्पायन एव च  जैमिनिश्च सुमन्तुश्च पञ्चैते वज्रवारका: ।। मुनेः कल्याणमित्रस्य जैमिनेश्चाऽनुकीर्तनात् विद्युदग्नि भयं नास्ति लिखिते च गृहोदरे।। यत्रानुपायी भगवान् दद्यात्ते हरिरीश्वरः भङ्गो भवति वज्रस्य तत्र शूलस्य का कथा ।। 

नृसिंह पूजा Nrisinh puja

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श्री गिरीश पांडेय जी ने अपने पिता श्री गणेश दत्त पांडेय जी द्वारा रचित यह पुस्तक पान ग्राम वासियों या जो भी नृसिंह के भक्त हों और विधिवत उनकी पूजा करना चाहते हों, उन तक पहुंचाने की इच्छा से हमसे साझा की है।  आप पाएंगे कि पुस्तक में पूजा के विधि-विधान को आम भाषा में समझाया गया है।  यह पुस्तक मूल रूप में कई साल पहले छपी थी। यह पुस्तक पीडीएफ़ फॉर्मैट में है। इसे आप लैपटॉप या डेस्कटॉप या टैब में खोल कर स्वयं पूजा कर सकते हैं। मोबाईल फोन पर पढ़ने में दिक्कत या सकती है।  नृसिंह-पूजा आज 25 मई (वैशाख महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि) को नृसिंह जन्माष्टमी है। मान्यता के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए नृसिंह रूप में अवतार लेकर राक्षस-राज हिरण्यकश्यप का वध किया  था। इस कारण यह दिन भगवान नृसिंह की जयंती के रूप में मनाया जाता है। पान ग्राम वासी नृसिंह को अपना इष्टदेव मानते हैं। 

हरेला: हरियाली के नाम एक पर्व | Harela festival

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 Harela is an important festival of Kumaonis. Paan's residents have been celebrating this festival with  its deep cultural and religious connotations. Non-residents with cultural roots intact celebrate Harela wherever they live.   हरेला चैत्र, श्रावण और आश्विन मास में मनाया जाने वाला कुमाऊंनी पर्व है. चैत्र मास के प्रथम दिन इसे बोया जाता है तथा नवमी को काटा जाता है. श्रावण मास का हरेला महीने के पहले दिन से नौ दिन पहले आषाढ़ में बोया जाता है और दस दिन बाद श्रावण के प्रथम दिन काटा जाता है. आश्विन मास में इसे नवरात्रि के पहले दिन बोया जाता है और दशहरे के दिन काटा जाता है.   हरेले के पहले दिन एक तख्ते या थाली के ऊपर पत्तों का दोना बनाकर उसपर मिटटी की पर्त लगाई जाती है, जिसके ऊपर 7 तरह के बीजों (गेहूं, जौ, मक्का,चना आदि) को छिड़क कर फिर मिटटी दाल दी जाती है. इसे देवताओं के स्थान के पास स्थापित किया जाता है. रोज इसे पानी दिया जाता है. हरेला इस पर्व का नाम भी है और देवताओं के सामने पनपी फसल का भी जिसे 10 दिन बाद काट कर सिर पर रखा जाता है.    photo c...

श्रद्धांजलि | tributes

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यह पृष्ठ पान-वासियों को, जो इस बीच संसार छोड़ गए हैं, श्रद्धांजलि देने के लिए है. अगर आपके संज्ञान में कोई ऐसा नाम है तो उनका परिचय, परिवार के सदस्यों का परिचय और हो सके तो चित्र भेजने की कृपा करें. फेसबुक, व्हाट्सप्प जैसे सोशल मीडिया में बात तुरंत आई-गयी हो जाती है. यह पेज दिवंगत प्रियजनों/ पूज्यनीयों के बारे में अपडेट किया जाता रहेगा. अगर यह सत्य है कि शरीर त्यागने के बाद भी आत्मा का अंत नहीं होता है, अगर यह सत्य है कि आत्मा को शांति मिलना उसके लिए उचित है, और अगर यह सत्य है कि परमात्मा है, तो हम परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत की आत्मा को शांति दें. शांतिः शांतिः शांतिः 🙏🙏🙏 3. श्री अवनीश पांडेय, पुत्र श्री दिनेश चंद्र (माथ) का हल्द्वानी में 15 मई 2021 को निधन हो गया.    2. श्री कैलाश चंद्र पांडेय, श्री राजीव के पिता, का 29 अप्रैल 2021 को गाजियाबाद में निधन हो गया. 1. श्री युगल किशोर (मुन्ना) पुत्र श्री पद्मादत्त की मृत्यु 2 फरवरी 2021 को नवाबी रोड, हल्द्वानी (रमाश्रम कालोनी) में हुई.   

Dunagiri as viewed from Pan | पान से दूनागिरी दर्शन

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अगर आप पान ग्राम के पर्वत की चोटी से दूनागिरी को देखें तो ऐसा नज़र आएगा :